वाराणसी स्थित आईसीएआर-भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने मिर्च की इस नई किस्म को विकसित किया है. खास बात यह है कि वैज्ञानिकों ने इस नई किस्म का नाम वीपीबीसी-535 रखा है. यह किस्म देखे में बिल्कुल रंग की तरह लाल लगती है. यही वजह है कि इसका उपयोग लिपिस्टिक बनाने के लिए भी किया जाएगा. यानी अब यह किस्म महिलाओं की खूबसूरती को भी निखारने का काम करेगी.
आईवीवीआर के निदेशक तुषार कांति बेहरा ने कहा कि मिर्च के ऊपर शोध का काम चल रहा था| इस दौरान किसानों को मिर्च की कई सारी किस्में खेती के लिए उपलब्ध कराई गईं|
श्री कांति के अनुसार वीपीबीसी-535 जब पक जाती है तो इसका रंग बिल्कुल लाल हो जाता है| इसमें एक औषधिय गुण पाया जाता है, जिसे ओलियोरेजिन कहते हैं| औषधिय गुण के कारण इसे दावा के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है| साथ ही लाल रंग की वजह से यह सौंदर्य प्रसाधन के लिए भी उपयोगी है|
वीपीबीसी-535 सामान्य मिर्चों की अपेक्षा अधिक उत्पादन देती है, क्योंकि इसमें अधिक उर्वरकों का इस्तेमाल किया जाता है| वहीं, मिर्च की खेती करने के लिए एक हेक्टेयर जमीन में 400 से 500 ग्राम तक बीज की बुवाई करनी की जरूरत होती है|
यदि आप इसकी खेती के दौरान सभी मानकों पर ध्यान रखते हैं तो प्रति हेक्टेयर 150 क्विंटल तक मिर्च का उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं| खास बात यह है कि इसकी खेती रबी और खरीफ दोनों ही सीजनों में की जा सकती है| अब वैज्ञानिक इस किस्म की खेती करने का प्लान तैयार कर रहे हैं|