लगातार हो रही बारिश से बाजरा, धान और सब्जी समेत अन्य फसलें बर्बाद होने की कगार हैं। खेतों में पानी भर गया है। कटी पड़ी फसल डूब गई है। बारिश रुकने का नाम ही नहीं ले रही है। खेतों में पानी भर जाने की वजह से सरसों व आलू की बुवाई एक महीने पिछड़ गई है।
आगरा जिले में बेमौसम बारिश ने किसानों के जख्म हरे कर दिए हैं। बाजरा, तिल व उड़द की फसल पर बहुत बुरा असर पड़ा है| कृषि विभाग को उत्पादन घटने की आशंका है। करीब 70 हजार हेक्टेयर में बाजरा, 5000 हेक्टेयर में तिल, उड़द व मूंग और 20 हजार हेक्टेयर में सब्जियों की फसल बर्बाद होने का अनुमान है।
जिले में 1.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में खरीफ फसलें बोई गई थीं। इनमें एक लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र बाजरा का है। 20 फीसदी बाजरे की कटाई हो चुकी है। बारिश से खेतों में पड़ी बाजरे की कटी फसल सड़ने की आशंका है। करीब 60 से 70 हजार हेक्टेयर फसल पर संकट है।
करीब 5000 हेक्टेयर धान की फसल भी प्रभावित हो सकती है। 5000 हेक्टेयर में उड़द, मूंग व तिल है। इधर, बरौली अहीर, खंदौली, अछनेरा सहित 10 ब्लॉक में सब्जियों की फसल को काफी नुकसान है।
राज्य किसान सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य वीरेंद्र सिंह परिहार ने बताया कि उड़द व मूंग में फफूंदी, तिल के काले पड़ने की आशंका है। बाजरा की बालियां भीगने से सबसे ज्यादा नुकसान है। गोभी, बंदगोभी, टमाटर, मिर्च, बैंगन, तोरई, लौकी, करेला की फसल सड़ सकती है।
उत्तर प्रदेश में आगरा मंडल में सरसों व बाजरा की खेती खास है| लगातार बारिश से इस बार बाजरा व धान के खेत पानी में डूबने से किसानों को नुकसान हुआ है|