भारत ने एक बार फिर विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में इतिहास रच दिया है। देश अब दुनिया का पहला ऐसा राष्ट्र बन गया है जिसने उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों के लिए एक उन्नत मौसम पूर्वानुमान प्रणाली — भारत फोरकास्ट सिस्टम (BFS) — विकसित की है। यह प्रणाली गांव स्तर तक अधिक सटीक और विस्तृत मौसम की जानकारी प्रदान करने में सक्षम है, और इससे मौसम पूर्वानुमान की सटीकता 64% तक बढ़ गई है।
कहां और कैसे हुआ विकास?
इस अत्याधुनिक प्रणाली को भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM), पुणे ने विकसित किया है। सोमवार को केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसे आधिकारिक रूप से भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) को सौंप दिया।
क्या है BFS की खासियत?
•BFS प्रणाली वर्ष 2022 से परीक्षण में थी और इस दौरान इसने मानसून, भारी वर्षा, चक्रवात और अल्पकालिक (2 घंटे की) ‘नाउकास्ट’ पूर्वानुमान में 30% से 64% तक सुधार लाया।
•BFS विशेष TCO कोड नामक सॉफ़्टवेयर तकनीक का उपयोग करता है, जिससे यह रडार और अन्य स्रोतों से अधिक डेटा एकत्र कर पाता है, और पूर्वानुमान को और बेहतर बनाता है।
•वर्तमान में यह प्रणाली 12 किलोमीटर के दायरे के लिए मौसम पूर्वानुमान देती है, लेकिन जल्द ही यह 6 किलोमीटर तक की सटीकता हासिल कर लेगी — यानी अब एक ही पूर्वानुमान चार गांवों के लिए नहीं, बल्कि हर गांव के लिए अलग पूर्वानुमान मिल सकेगा।
ग्लोबल उपलब्धि, लोकल उपयोगिता
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम. रविचंद्रन ने कहा:
“जब पूरी दुनिया अभी भी इतने उच्च रिजॉल्यूशन पर काम करने की दिशा में अग्रसर है, भारत पहला देश बन गया है जो 6 किलोमीटर रिजॉल्यूशन तक पहुंच चुका है। इसलिए मैं BFS को ‘वैश्विक महत्व की, लेकिन स्थानीय उपयोगिता वाली प्रणाली’ कहता हूं।”
रविचंद्रन ने यह भी बताया कि उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में मौसम अधिक अस्थिर होता है, इसलिए इन क्षेत्रों के लिए हाई-रेजोल्यूशन मॉडल बेहद जरूरी हैं।
जनता तक पहुंचेगा सटीक पूर्वानुमान
IMD के महानिदेशक एम. मोहित पात्रा ने BFS को स्वीकार करते हुए कहा:
“यह एक बड़ी उपलब्धि है। इससे हम प्रधानमंत्री के 2019 के उस लक्ष्य को पाने के और करीब पहुंचेंगे, जिसमें हर घर तक सटीक मौसम पूर्वानुमान पहुंचाने की बात कही गई