प्रतिबंधित जीएम कपास बीजों का 600 करोड़ रुपये का अवैध बाजार तैयार, किसानों में बढ़ रही मांग HTBt बीजों से खरपतवार नियंत्रण आसान, मजदूरी लागत में बड़ी कटौती
पुणे। देश में पर्यावरणीय कारणों से प्रतिबंधित हर्बिसाइड-टॉलरेंट बायोटेक्नोलॉजी (HTBt) कपास बीज अब भारत के कृषि बाजार में चुपचाप तेजी से पैर पसार रहे हैं। ये अवैध बीज अब कपास बीज बाजार के लगभग 15% हिस्से पर कब्जा कर चुके हैं, जिससे करीब ₹600 करोड़ रुपये का समानांतर और गैर-कानूनी बाजार खड़ा हो गया है।
भारत का कुल कपास बीज बाजार ₹3,600 करोड़ का है, और HTBt बीज बिना किसी सरकारी मंजूरी के खुलेआम बिक रहे हैं।
किसानों में लोकप्रिय, भले ही गैरकानूनी
इन बीजों से किसान खेतों में ग्लाइफोसेट जैसे हर्बिसाइड्स का प्रयोग कर खरपतवार आसानी से खत्म कर पाते हैं, जिससे श्रमिकों पर निर्भरता कम होती है और लागत घटती है। यही वजह है कि महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश के किसान तेजी से इन बीजों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
सरकारी मंजूरी नहीं, फिर भी बिक्री चालू
अब तक भारत सरकार या जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) ने HTBt बीजों को पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव को देखते हुए कोई अनुमति नहीं दी है। इसके बावजूद इन बीजों की बिक्री और उपयोग बिना रोकटोक जारी है।
विशेषज्ञ और संगठन कर रहे सख्त कार्रवाई की मांग
राष्ट्रीय बीज संघ (NSAI) और कृषि विशेषज्ञों ने इस मुद्दे पर सख्त जांच और कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यह प्रवृत्ति जैव-सुरक्षा मानकों और वैज्ञानिक परीक्षणों को दरकिनार कर रही है, जिससे दीर्घकालिक नुकसान की आशंका है।
वैज्ञानिकों की चेतावनी
HTBt बीजों के बेतरतीब इस्तेमाल से मृदा की गुणवत्ता, कीटों की प्रतिरोधी क्षमता और पर्यावरणीय संतुलन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
फरवरी 2023: महाराष्ट्र में कार्रवाई
एक उदाहरण के तौर पर फरवरी 2023 में महाराष्ट्र में कृषि विभाग द्वारा हजारों पैकेट HTBt बीज जब्त किए गए थे। लेकिन ऐसी कार्रवाई अब तक पूरे देश में व्यापक स्तर पर नहीं हो सकी है।
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