कश्मीर की पहाड़ियों से निकली ताजा, प्रीमियम क्वालिटी की चेरी अब खाड़ी देशों के बाजारों में भी अपनी खास जगह बना रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलाए जा रहे ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के तहत पहली बार कश्मीरी चेरी का व्यावसायिक निर्यात सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को किया गया है।
17 जून को लगभग दो टन ताजे चेरी की पहली खेप सऊदी अरब की राजधानी रियाद पहुंची, जिसे अब लुलु सुपरमार्केट्स के ज़रिए उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जा रहा है। इन ‘रूबी रेड’ चेरीज़ की चमक, स्वाद और गुणवत्ता को खाड़ी देशों के ग्राहकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है।
‘मेक इन इंडिया’ और एग्रो एक्सपोर्ट को मिल रहा बल
भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय ने इसे भारतीय कृषि उत्पादों की वैश्विक स्तर पर पहचान बढ़ाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि बताया है। यह कदम प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे नेताओं की उस सोच को मजबूत करता है, जो स्थानीय को वैश्विक बनाने की वकालत कर रहे हैं।
APEDA ने निभाई बड़ी भूमिका
इस निर्यात को संभव बनाने में APEDA (एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी) की अहम भूमिका रही, जिसने बागवानों को प्रशिक्षण, गुणवत्ता नियंत्रण और पैकेजिंग में सहयोग दिया। चेरी को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार तैयार कर कोल्ड चेन नेटवर्क के माध्यम से भेजा गया।
किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
इस निर्यात से कश्मीर घाटी के बागवानों को सीधे आर्थिक लाभ मिलेगा और बागवानी क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। साथ ही यह भारत के फलों की गुणवत्ता और ब्रांडिंग को दुनिया में स्थापित करेगा।
भविष्य की योजनाएं
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, आने वाले महीनों में कश्मीरी सेब, खुबानी, नाशपाती और अखरोट जैसे अन्य फलों को भी खाड़ी और यूरोपीय बाजारों में भेजने की योजना है। इसके लिए हवाई कार्गो और लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर को भी तेजी से विकसित किया जा रहा है।
👉 देश के किसानों को दुनिया के बाजारों से जोड़ने की दिशा में यह एक ऐतिहासिक कदम है।
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