उत्तर प्रदेश को उत्तम स्वास्थ्य सेवाओं से युक्त राज्य बनाने के संकल्प के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार एक और बड़ा कदम उठा रही है। ग्रेटर नोएडा को मेडिकल डिवाइस मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने के उद्देश्य से यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YIDA) ने सेक्टर-28 में मेडिकल डिवाइस निर्माण इकाइयों की स्थापना के लिए विशेष योजना की शुरुआत की है।
इस योजना के तहत कुल 21 औद्योगिक प्लॉट्स का आवंटन किया जाएगा, जिनमें 1000 वर्ग मीटर के 16 और 2100 वर्ग मीटर के 5 प्लॉट शामिल हैं। ये प्लॉट कैंसर केयर, रेडियोलॉजी, इमेजिंग, आईवीडी, कार्डियो-रेस्पिरेटरी, रीनल डिवाइसेस और मेडिकल इम्प्लांट्स जैसी उन्नत स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े उपकरणों के निर्माण के लिए आवंटित किए जाएंगे।
प्लॉट्स की कीमत और आवेदन प्रक्रिया
1000 वर्ग मीटर के प्लॉट्स के लिए प्रति वर्ग मीटर रेट ₹7730 तय किया गया है। इनका प्रीमियम अमाउंट ₹77.30 लाख और रजिस्ट्रेशन राशि ₹7.73 लाख निर्धारित की गई है। वहीं, 2100 वर्ग मीटर के प्लॉट्स के लिए भी रेट समान है, लेकिन प्रीमियम राशि ₹1.62 करोड़ और रजिस्ट्रेशन राशि ₹16.23 लाख होगी।
इच्छुक उद्यमी 7 जुलाई 2025 तक आवेदन कर सकते हैं। विस्तृत जानकारी के लिए निवेश मित्र पोर्टल या यीडा की आधिकारिक वेबसाइट पर संपर्क किया जा सकता है।
विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त लोकेशन
सेक्टर-28 स्थित यह प्लॉट्स यमुना एक्सप्रेसवे और निर्माणाधीन नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) के बेहद करीब हैं। इसके अलावा, यह क्षेत्र इंटरनेशनल फिल्म सिटी, एफ-1 मोटो जीपी ट्रैक, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर, अपैरल-हैंडीक्राफ्ट पार्क, टॉय पार्क और डेडिकेटेड एमएसएमई ज़ोन से भी जुड़ा हुआ है।
भविष्य में यह क्षेत्र ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से भी जुड़ जाएगा, जिससे लॉजिस्टिक्स, फ्रेट मूवमेंट और उत्पादन इकाइयों के संचालन में आसानी होगी।
देश का सबसे बड़ा मेडिकल डिवाइस पार्क बनने की दिशा में प्रयास
यह योजना ग्रेटर नोएडा में विकसित हो रहे देश के सबसे बड़े मेडिकल डिवाइस पार्क को गति देने का काम करेगी। इससे न केवल निवेशकों को अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि क्षेत्र की आर्थिक प्रगति और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन को साकार करते हुए यह पहल उत्तर प्रदेश को मेडिकल डिवाइस निर्माण के क्षेत्र में राष्ट्रीय नेतृत्व दिलाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।