लखनऊ, 15 जून 2025
उत्तर प्रदेश के वन एवं वन्य जीव विभाग द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में राज्यभर में वार्षिक वन्य जीव गणना का कार्य सफलतापूर्वक सम्पन्न कर लिया गया है। यह गणना 26 मई से शुरू होकर 14 जून तक चली, जिसमें प्रदेश के सभी राष्ट्रीय उद्यानों, वन्य जीव विहारों और उनके बफर क्षेत्रों में सघन सर्वेक्षण किया गया। विभाग के अनुसार, इस गणना की अंतिम रिपोर्ट जून माह के अंत तक सार्वजनिक की जाएगी।
इस वर्ष की गणना में विशेष रूप से बारहसिंघा, काला हिरन, चिंकारा, गैण्डा, घड़ियाल, भालू और तेंदुए जैसे प्रमुख वन्य जीवों को शामिल किया गया। इसके अतिरिक्त शाकाहारी जीवों जैसे हिरन, सांभर, चीतल, नीलगाय, पाढ़ा, बंदर और लंगूर की भी गणना की गई है।
प्रदेश की प्रधान मुख्य वन संरक्षिका श्रीमती अनुराधा वेमुरी ने बताया कि वन्य जीव गणना का कार्य मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक के निर्देशन में और सभी मंडलों के मुख्य वन संरक्षकों की देखरेख में कराया गया है। गणना कार्य में वन विभाग के कर्मियों के साथ स्थानीय प्रशिक्षित युवकों को भी शामिल किया गया, जिनके सहयोग से प्रगणक टीमें गठित की गईं।
तीन चरणों में हुई गणना, वैज्ञानिक विश्लेषण के बाद जारी होंगे आंकड़े
गणना कार्य को प्रदेशभर में तीन बार – 26 मई, 2 जून और 9 जून को दोहराया गया। प्रत्येक प्रगणक दिवस पर जुटाए गए आंकड़ों का औसत 16 जून तक संबंधित क्षेत्रीय वनाधिकारियों द्वारा प्रभागीय अधिकारियों को सौंपा जाएगा। इसके बाद इन आंकड़ों का वैज्ञानिक विश्लेषण किया जाएगा, जिसके आधार पर वन्य जीवों की सटीक संख्या का निर्धारण कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
गणना का उद्देश्य न केवल प्रदेश में वन्य जीवों की मौजूदा संख्या का आकलन करना है, बल्कि उनके स्वास्थ्य, आवासीय स्थिति और संरक्षण आवश्यकताओं का भी विश्लेषण करना है। इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार आने वाले वर्षों में संरक्षण और संवर्धन की योजनाएं तैयार करेगी।
वन्य जीव संरक्षण के लिए महत्त्वपूर्ण कदम
वन विभाग के अनुसार, यह वार्षिक गणना भविष्य की वन्य जीव संरक्षण नीतियों के निर्माण में एक अहम आधार बनेगी। रिपोर्ट जारी होने के बाद यह स्पष्ट हो सकेगा कि किन प्रजातियों की संख्या में वृद्धि हुई है और किन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस व्यापक गणना के माध्यम से वन्य जीवों के प्रति संरक्षण भाव और वैज्ञानिक नीति निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास किया गया है।