देश के कृषि क्षेत्र को दिए जा रहे बैंक कर्ज की रफ्तार में गिरावट आई है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, 21 मार्च को खत्म हुए पखवाड़े में कृषि क्षेत्र को दिया गया बैंक कर्ज सिर्फ 10.4% बढ़ा, जो पिछले समय के मुकाबले धीमा है।
RBI ने बुधवार को यह जानकारी दी। यह आंकड़े देश के 41 चुनिंदा वाणिज्यिक बैंकों से जुटाए गए हैं, जो कुल गैर-खाद्य कर्ज (non-food credit) का लगभग 95% हिस्सा कवर करते हैं।
वहीं, उद्योगों को दिए जाने वाले कर्ज की वृद्धि दर भी काफी धीमी रही, जो इस अवधि में सिर्फ 8 प्रतिशत पर टिकी रही। यानी उद्योगों को भी उतना ज्यादा नया कर्ज नहीं मिला।
RBI का यह डेटा यह दिखाता है कि बैंकों की ओर से खेती और उद्योगों जैसे अहम क्षेत्रों में कर्ज देने में रफ्तार कम हो रही है, जो आर्थिक गतिविधियों की चाल पर असर डाल सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि खेती में लागत बढ़ने, मौसम की अनिश्चितता और बाजार की कमजोर स्थिति के कारण किसान कर्ज लेने से हिचक सकते हैं। दूसरी ओर, उद्योगों में निवेश की गति धीमी होने से कर्ज की मांग कम हो सकती है।
RBI हर महीने अलग-अलग क्षेत्रों में बैंकों द्वारा दिए गए कर्ज का विश्लेषण करता है, जिससे यह समझा जा सके कि अर्थव्यवस्था में किस सेक्टर में पैसे का बहाव कैसा है।