जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। इस हमले में 26 लोगों की दर्दनाक मौत हुई थी, जिनमें कई पर्यटक और स्थानीय लोग शामिल थे। अब पाकिस्तान की ओर से खुलेआम परमाणु हमले की धमकी दी गई है, जिससे हालात और ज्यादा गंभीर हो गए हैं।
रूसी मीडिया चैनल RT को दिए एक इंटरव्यू में रूस में पाकिस्तान के राजदूत मुहम्मद खालिद जमाली ने कहा कि अगर भारत की तरफ से हमला हुआ, तो पाकिस्तान “हर विकल्प” का इस्तेमाल करेगा — जिसमें परमाणु हथियार भी शामिल हैं। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान को कुछ गोपनीय दस्तावेज मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि भारत पाकिस्तान के अंदर सीमित सैन्य कार्रवाई की योजना बना रहा है।
राजदूत जमाली ने कहा, “हम भारत से टक्कर नहीं चाहते, लेकिन अगर हमला हुआ, तो पूरी ताकत से जवाब देंगे — पारंपरिक भी और परमाणु भी।”
भारत ने पहलगाम हमले के बाद कई कड़े कदम उठाए हैं:
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पाकिस्तान के साथ 1960 में बना सिंधु जल समझौता फिलहाल रोक दिया गया है।
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सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीज़ा रद्द कर दिए गए हैं और उन्हें भारत छोड़ने के आदेश दिए गए हैं।
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भारतीय हवाई क्षेत्र से पाकिस्तानी विमानों को 24 मई तक प्रतिबंधित कर दिया गया है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को “पूरी छूट” दे दी है कि वह ज़रूरत के हिसाब से जवाब दे सकती है।
इस बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत को चेतावनी दी है कि अगर सिंधु नदी पर भारत कोई नया बांध बनाएगा या पानी रोकेगा, तो इसे “युद्ध की कार्रवाई” माना जाएगा। वहीं, मंत्री हनीफ अब्बासी ने कहा कि पाकिस्तान की मिसाइलें — ग़ौरी, शाहीन और ग़ज़नवी — खास तौर पर भारत के लिए हैं।
पाकिस्तानी सेना ने हाल ही में अब्दाली मिसाइल का परीक्षण भी किया है, जो 450 किलोमीटर तक परमाणु हमला करने में सक्षम है। इसके जरिए पाकिस्तान ने अपनी “तैयारी” का संकेत दिया है।
एक और मंत्री अता उल्ला तारड़ ने दावा किया है कि उन्हें खुफिया जानकारी मिली है कि भारत अगले 24 से 36 घंटों में हमला कर सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भारत ऐसा करता है, तो इसके “गंभीर नतीजे” होंगे।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने हालांकि इस पूरे हमले से पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि पाकिस्तान का इससे कोई लेना-देना नहीं है और भारत के पास कोई ठोस सबूत नहीं है।
दोनों देशों के बीच बातचीत के रास्ते बंद हो चुके हैं और कूटनीतिक संबंध बेहद निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं। ऐसे में पूरी दुनिया की निगाहें अब भारत और पाकिस्तान पर टिकी हैं, क्योंकि जरा सी चूक से हालात युद्ध की ओर बढ़ सकते हैं।