मुरैना जिले के गांव गुनापुरा के किसान रामवीर श्रीवास की खेती पहले घाटे का सौदा बन चुकी थी। खराब मिट्टी और सिंचाई के साधनों की कमी से फसल ठीक नहीं हो पाती थी। इससे उनकी आमदनी लगातार घटती जा रही थी।
लेकिन जब रामवीर की मुलाकात कृषि विभाग के अधिकारियों से हुई, तो उनकी जिंदगी ही बदल गई। अधिकारियों ने उन्हें प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत स्प्रिंकलर सिस्टम लगाने की सलाह दी। इस योजना के तहत किसानों को अनुदान भी मिलता है और सिंचाई की आधुनिक तकनीक की जानकारी भी दी जाती है।
रामवीर ने इस योजना में ऑनलाइन पंजीयन करवाया और स्प्रिंकलर सिस्टम अपनाया। अब कम पानी में ज्यादा खेतों की सिंचाई हो पा रही है। पहले जहां उन्हें गेहूं की फसल से सिर्फ 25 मन प्रति बीघा उपज मिलती थी, अब वही उपज बढ़कर 30 से 35 मन प्रति बीघा हो गई है।
अब रामवीर न सिर्फ गेहूं, बल्कि खरीफ, रबी और जायद की फसलें भी आसानी से उगा रहे हैं। इतना ही नहीं, वे अब सब्जियां भी उगाकर अच्छी आमदनी कमा रहे हैं और बचा हुआ समय व मेहनत पशुपालन में लगाकर दूध बेचकर भी कमाई कर रहे हैं।
रामवीर की कहानी इस बात का उदाहरण है कि सही सलाह और तकनीक अपनाने से खेती फिर से मुनाफे का सौदा बन सकती है।