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भारत में प्राकृतिक रबर की गुणवत्ता सुधारने के लिए नई पहल: iSPEED योजना शुरू

भारत में प्राकृतिक रबर की गुणवत्ता सुधारने के लिए नई पहल: iSPEED योजना शुरू

भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों और पश्चिम बंगाल में प्राकृतिक रबर की गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ाने के लिए एक बड़ी पहल की गई है। इस नई योजना का नाम है iSPEED (INROAD Skilling and Production Efficiency Enhancement Drive), जिसे Project INROAD के तहत लॉन्च किया गया है।
Project INROAD (Indian Natural Rubber Operations for Assisted Development) दुनिया की पहली ऐसी योजना है जिसमें टायर उद्योग खुद आगे आकर रबर खेती और प्रोसेसिंग को बेहतर बनाने में निवेश कर रहा है। इस परियोजना में कुल ₹1100 करोड़ का निवेश किया जा रहा है और इसे Rubber Board द्वारा लागू किया जा रहा है। इसके लिए Apollo, Ceat, JK Tyre और MRF जैसी बड़ी टायर कंपनियां सहयोग कर रही हैं।
iSPEED योजना पर ₹145 करोड़ खर्च किए जाएंगे और यह अगले 5 वर्षों में लागू होगी। इसका सीधा लाभ 2 लाख से अधिक छोटे रबर किसान और नर्सरी मालिकों को मिलेगा। इन किसानों को आधुनिक तकनीकों की ट्रेनिंग दी जाएगी और बेहतर प्रोसेसिंग के लिए नया इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा।
ATMA (Automotive Tyre Manufacturers Association) के चेयरमैन अरुण मम्मेन ने कहा, “iSPEED के जरिए हम भारत के रबर किसानों की जानकारी और क्षमताओं में निवेश कर रहे हैं।”
इस परियोजना में शामिल होंगे:
•3000 स्मोकहाउस – बेहतर रबर शीट तैयार करने के लिए
•3000 शीट रोलिंग मशीनें – मैन्युअल और मोटराइज्ड
•मॉडल नर्सरी और डेमो यूनिट – किसानों को सिखाने के लिए
•प्रोसेसिंग और ग्रेडिंग सेंटर्स – कटाई के बाद की प्रोसेसिंग के लिए
•लीड किसान नेटवर्क – गांव स्तर पर जानकारी बांटने के लिए
INROAD की वजह से पिछले 4 सालों में 1.36 लाख नए किसान रबर की खेती से जुड़े हैं, लेकिन अभी भी वैज्ञानिक तरीकों की कमी, प्रोसेसिंग सुविधा और बीमारियों के कारण उत्पादन पर असर पड़ रहा है। iSPEED इन समस्याओं को हल करने की दिशा में काम करेगा।
Tripura और Assam में ATMA के चेयरमैन ने कुछ नए स्थानीय सामग्री से बने स्मोकहाउस का उद्घाटन कर योजना की शुरुआत की।
ज्यादातर लाभार्थी छोटे किसान हैं जिनके पास 1 एकड़ से कम जमीन है। ऐसे में सामूहिक रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि पूरा समुदाय लाभान्वित हो सके।
प्राकृतिक रबर की अच्छी गुणवत्ता के लिए स्मोकहाउस बेहद जरूरी होते हैं, क्योंकि इन्हीं में लेटेक्स (रबर का दूध) को सुखाकर और प्रोसेस करके बेहतर रबर शीट बनाई जाती है।

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