राजस्थान के मुख्यमंत्री का जिला है भरतपुर। यहां जाट बिरादरी सड़क पर उतर कर अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रही है। जिले के जयचोली के निकट दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक के पास भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से 11वें दिन भी महापड़ाव जारी रहा। केन्द्र में वार्ता करने व कागजी कार्यवाही के लिए पांच सदस्यों की समिति बनाकर सरकार को भेज दी है।
सरकार की ओर से दो मंत्री कन्हैयालाल, अविनाश गहलोत एवं डीग-कुम्हेर विधायक डॉ. शैलेशसिंह एवं नदबई विधायक जगतसिंह की संयुक्त कमेटी जल्द ही केन्द्र में वार्ता करेगी।
समाज के नौजवानों के हक और अधिकार की लड़ाई है। इसको अंतिम परिणाम तक लड़ा जाएगा। शनिवार को अलवर जिले के जाट समाज ने भी आरक्षण आंदोलन को समर्थन दिया। वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने जाट आरक्षण को लेकर एक ट्वीट किया। इसमें कहा कि लुधावई (सेवर) स्थित हनुमानजी मंदिर में हनुमान जी महाराज के दर्शन कर धरने को संबोधित करते हुए कहा की जाटों को केंद्र में आरक्षण को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री जी से सकारात्मक वार्ता चल रही है जब तक राजस्थान सरकार का जवाब नहीं आता है तब तक ये आश्वासन देकर धरने को बंद करवाया।
अगर सरकार से वार्ता के बाद भी आरक्षण की मांग के लिए सकारात्मक फैसला नहीं आता है तो पुन: चार फरवरी को बड़ी बैठक करके कमेटी गठित करेंगे। कुछ छुटपुटिया नेता माहौल को खराब करने की कोशिश करेंगे उनसे हमें सतर्क रहना होगा।
जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेमसिंह फौजदार ने महापड़ाव को संबोधित करते हुए कहा कि आंदोलन जाट समाज के नौजवानों के हक और अधिकार की लड़ाई है। इसको अंतिम परिणाम तक आर पर लड़ा जाएगा। जब तक आरक्षण की घोषणा नहीं होगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा। आज अलवर जिला के जाट समाज ने आरक्षण आंदोलन को आकर समर्थन दिया है।
भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से गुरुवार को नवें दिन भी जयचोली के पास महापड़ाव जारी रखा गया। जाट समाज की 11 सदस्य कमेटी वार्ता के लिए जयपुर तो गई, लेकिन सीएम की व्यस्तता के चलते सीएम भजन लाल शर्मा से मुलाकात नहीं हो सकी। हालांकि जाट समाज अभी तक कोई निर्णय पर नहीं पहुंचा है। संयोजक नेमसिंह फौजदार ने बताया कि हमें मुख्यमंत्री से मुलाकात कराने को कहा गया था।