कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री एमआरके पन्नीरसेल्वम ने शनिवार (15 मार्च, 2025) को ₹45,661 करोड़ के कुल परिव्यय वाला कृषि बजट पेश किया। इसमें कृषि, बागवानी और अन्य कृषि क्षेत्र शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि बजट को सात अलग-अलग कृषि-जलवायु क्षेत्रों और इन क्षेत्रों में उगाई जाने वाली विविध फसलों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
विभिन्न योजनाओं से कृषि क्षेत्र को किस प्रकार लाभ हुआ है, इस बारे में बताते हुए श्री पन्नीरसेल्वम ने कहा कि कुल सकल फसली क्षेत्र 2019-20 में 146.77 लाख एकड़ से बढ़कर 2023-24 में 154 लाख एकड़ हो गया है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि 2025-26 के लिए राज्य कृषि बजट में कुल 45,661 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ कई घोषणाएं की गई हैं, जो किसानों के जीवन को बेहतर बनाएंगी।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री एमआरके पन्नीरसेल्वम ने बजट में तमिलनाडु कृषि वानिकी नीति जारी करने के राज्य सरकार के फैसले की घोषणा की, ताकि व्यावसायिक रूप से मूल्यवान पेड़ों जैसे चंदन, लाल चंदन, महोगनी और शीशम की खेती को बढ़ावा दिया जा सके और लकड़ी के पंजीकरण, कटाई, परिवहन और विपणन से संबंधित प्रक्रियाओं को सरल बनाया जा सके, साथ ही एक हरित तमिलनाडु का लक्ष्य हासिल किया जा सके।
बजट पेश किए जाने के बाद आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कृषि उत्पादन आयुक्त और कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव वी. दक्षिणमूर्ति ने कहा कि विभाग कृषि वानिकी नीति विकसित करने के लिए वन विभाग के साथ चर्चा कर रहा है। उन्होंने कहा: “वर्तमान में, वन नियम काफी सख्त हैं। हम किसानों को चंदन, लाल चंदन और महोगनी जैसी व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य प्रजातियों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने के तरीके तलाश रहे हैं।”
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